Thursday, February 11, 2021

मृत्यु के बाद आत्मा की गति विधिया ..........

🔅मुस्लिम और ईसाई धर्म मे मृत्यु के बाद मानव शरीर को दफनाया जाता है । इस मान्यता से की "क्यामत " के दिन कब्र से ये सभी मृतक एक दूसरों को मिल पायेगे । इसलिये रिस्तेदारों के एक  दूसरों से नजदीक दफनाया जाता है । और म्रतक व्यक्ति के लिए 'REST IN PEACE' का  रूढ़ीप्रयोग है। 


🔅लेकिन हिन्दू धर्म मे म्रत्यू के बाद मानव शरीर को अग्नि दाह देकर - पंच महाभुत मे विलीन किया जाता है । हिन्दू शास्त्रो के अनुसार पुराने कपड़ों के माफक आत्मा पुराना देह का त्याग करता है । देह त्याग करके आत्मा की ऊर्ध्व गति शरू होती है । कारण शरीर ( देह ) अग्नि मे भस्मीभुत  होता है ।  मगर सूक्ष्म शरीर आत्मा के साथ भावनाओ जैसे की पृथ्वी के ऊपर जीवन दरम्यान कीसी से अतिशय आशक्ति या तो फिर घृणा, बदले के भावना आदि आत्मा की ऊर्ध्व गति मे बाधा डालती है । इसलिये अपने कोई भी परिचित की म्रत्यू के बाद हमे "प्रार्थना" करनी चाहिए । म्रतुक की आत्मा को सूक्ष्म शरीर की भावनाओ से मुक्ति कराने की लिए हमे इष्टदेव से प्रार्थना करनी चाहिए। और शास्त्रो के अनुसार विधि विधान कराने से आत्मा की ऊर्ध्व गति आसान हो जाती है।   

🔅प्रस्तुत है म्रत्यू के बाद आत्मा की गति विधियों के बारे मे दो वीडियो क्लिप्स :-



भगवत गीता के अनुसार म्रत्यू के बाद आत्मा का क्या होता है 





म्रत्यू के बाद आत्मा कितने दिन तक धरती पे रहती है 







 

 


No comments:

Post a Comment